संदेश

दिसंबर 27, 2008 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आमिर खान का 'बाज़ारवाद'

चित्र
प्रिय मित्रों, अगर आप आमिर खान के फैन्स क्लब के सदस्य हैं तो मुझे माफ कीजिएगा। अगर आप आमिर के मिस्टर परफेक्शनिस्ट वाले व्यक्तित्व को आदर्श मानते हैं तो फिर से माफी मांगता हूं। और अगर आप ये मानते हैं कि आमिर लीक से हटकर चलने वाले अभिनेता हैं तो आपके साथ कुछ बातें शेयर करना चाहता हूं। आमिर खान को अचानक बुद्धि आ गई है। बुद्धि आने का मतलब है आमिर दुनियादारी सीख चुके हैं। शाहरुख खान से किसी मायने में अब कम नहीं रहे। न तो पैसे कमाने में और न ही स्टोरी सलेक्शन में। कहते हैं जैसे ही आदमी में पैसे कमाने की धुन सवार होती है वो हर चीज को प्रोडक्ट के तौर पर देखने लगता है। अमुक चीज से संवेदनात्मक लगाव खत्म हो जाता है। अब तक आमिर ने स्टोरी के चयन में भले ही एक मिसाल कायम किया हो। पर गजनी के लिए ऐसा कहना सरासर गलत होगा। मैं स्पष्ट कर दूं--मैंने फिल्म गजनी नहीं देखी। पर जिस तरह से आमिर ने इसके लिए प्रचार की सारी हदें पार की उससे साफ लगता है कि आमिर अब बिक चुके हैं। अपना प्रोडक्शन हाउस क्या खोला, दुनियादारी तुरंत समझ में आने लगी। सड़कों पर गजनी कट बाल काटने से लेकर पता नहीं क्या-क्या प्रमोशनल कैंपेन चल